दुनिया के हर कोने में इस्तेमाल होने वाला एक ऐसा यंत्र जिसने दुनिया के विकास की गति को इतना तेज़ कर दिया है. लगभग हर क्षेत्र में इसका उपयोग किया जाता है और इसीलिए अगर आज आप ये जानना चाहते हैं की कंप्यूटर क्या है (What is Computer in Hindi) और इसकी उपयोगिता, प्रकार एवं विशेषता क्या है तो हम आगे आपको सब कुछ विस्तार से बताने जा रहे हैं लेकिन पहले ये जान लें की आखिर ये कंप्यूटर क्या होता है?
कंप्यूटर एक यंत्र है जो इनपुट यंत्रों के द्वारा दिए गए निर्देशों के आधार पर कार्यों को निष्पादित करता है एवं आउटपुट यंत्रों के माध्यम से हमें परिणाम सूचना के रूप में प्रदान करता है. ये किये गए कार्य को भविष्य के लिए सुरक्षिता भी रखता है.
सीधे शब्दों में कहें तो कंप्यूटर एक प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो उपयोगकर्ता द्वारा दिए गए निर्देशों को ग्रहण करती है डाटा को प्रोसेस करती है. यह डाटा को स्टोर कर सकती है एवं जरूरत पड़ने पर उस डाटा को हमें दोबारा इस्तेमाल करने के लिए भी प्रदान करती है.
अगर आप कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट्स में से एक हैं जो इस यंत्र के बारे में सुन चुके हैं कि लेकिन अभी ज्यादा जानकारी नहीं है तो इस पोस्ट को अंत तक पढ़े. आपको इस यंत्र पर काम करने से पहले इसके बारे में हर प्रकार की जानकारी लेनी बहुत जरूरी है ताकि समझ सके की कंप्यूटर के प्रकार और उपयोग क्या हैं (Types of Computer in Hindi)?
इसके बेसिक भाग कौन से हैं और ये काम कैसे करता है? इसके अलावा यह भी जानना जरूरी है कि इसकी महत्व और विशेषताएं क्या हैं? आज आप इस लेख में ये भी जानेंगे की कंप्यूटर का सामन्य परिचय क्या होता है? तो बिना देरी किए हुए चलिए पुरे विस्तार से जानते हैं कि कंप्यूटर किसे कहते है (What is Computer in Hindi) और इसमें क्या क्या होता है?
कंप्यूटर क्या है – What is Computer in Hindi?
कंप्यूटर को हिंदी में संगणक भी कहते हैं. यह एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो यूजर द्वारा इनपुट किये गए डाटा को इनपुट डिवाइस के स्वीकार करती है, फिर उसे प्रोसेस करने के बाद सूचनाओं को आउटपुट डिवाइस के द्वारा रिजल्ट के रूप में दिखाता है.
इसमें डाटा को स्टोर भी कर सकते हैं जिससे इसे भविष्य में इस्तेमाल कर सकते हैं. Computer लैटिन भाषा के शब्द “Computare” से बना हुआ है जिसका मतलब होता है गणना करना. इसका इस्तेमाल हम बहुत सारे कामों को आसानी से करने के लिए करते हैं. ये जटिल से जटिल गणित के सवालों को एक सेकंड से कम समय में भी हल कर लेता है.
ये हमारे द्वारा दिए गए निर्देशों को हमारे भाषा में नहीं समझता बल्कि सिर्फ 0 और 1 के रूप में समझता है जिसे हम मशीन लैंग्वेज बोलते हैं. इस यंत्र का सिर्फ एक उपयोग नहीं है लगभग हर जगह इसका इस्तेमाल किया जाता है. आप अक्सर ऐसे बहुत सारे जगहों में हर रोज़ जाते होंगे जहाँ पर सरकारी या प्राइवेट कार्यालय होंगे.
कुछ साल पहले तक इन जगहों में लोग अपने काम के लिए फाइल्स और डाक्यूमेंट्स का इस्तेमाल किया जाता था यानि पेपरवर्क ही किया जाता था. लेकिन इस यंत्र ने ऐसा विस्तार पकड़ा की अब हर कार्यालय, ऑफिस में आपको सिर्फ यही यंत्र नज़र आएंगे.
ऐसा इसीलिए की इसने किसी हिसाब को लिखने और गणना करने के घंटे के काम और उसमे होने वाली गलतियों को न के बराबर ही कर दिया है. इसकी परिभाषा क्या है ये जानना जरुरी तो है ही इस के साथ साथ यहाँ ये भी जानेंगे की कंप्यूटर के भाग या पार्ट्स क्या होते हैं.
अभी से कुछ साल पहले तक तो ये हाल था की इस के बारे में सबको नहीं मालूम था. ऑफिस, स्कूल और कॉलेज में ही इसका इस्तेमाल होता था. मैंने पहली बार इस यंत्र को तब देखा जब मैं 6th क्लास में था. हम अपने हर तरह के काम जी हाँ लगभग सभी तरह के काम करने के लिए इस का इस्तेमाल करते हैं.
ये इतनी जरुरी बन चूका है जितना की शिक्षा का महत्व है. क्योंकि अभी तो ग्रेजुएशन किये हुए इंसान को भी जॉब मिलने में बहुत परेशानी होती है. लेकिन इस का ज्ञान ऐसा है की अगर आपको पता है की बेसिक कंप्यूटर कोर्स DCA क्या है और फोटोशॉप में कैसे काम करते हैं तो आपके लिए काम मिलना मुश्किल नहीं है.
कंप्यूटर का फुल फॉर्म क्या है – Full Form of Computer in Hindi?
चलिए अब जान लेते हैं की कंप्यूटर का फुल फॉर्म क्या है?
Computer ka full form hai:
C – Commonly, O – Operated, M – Machine, P – Particularly, U – Used for T – Technical, E – Educational, R – Research.
कंप्यूटर की परिभाषा क्या है?
“कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक यन्त्र है जो यूजर से इनपुट किये गए डाटा को प्रोग्राम के अनुसार प्रोसेस करता है और इसके बाद आउटपुट के रूप में रिजल्ट दिखाता है.
जिसे भविष्य में भी प्रयोग किया जा सकता है.” इसका काम करने का तरीका कुछ इस तरीके का होता है. ऊपर दिखाए गए प्रोसेस फ्लो डायग्राम से आप आसानी से समझ सकते हैं की कंप्यूटर के काम करने का तरीका क्या है. ये मुख्यता 3 स्टेप्स में काम करता है.
यूजर इनपुट डिवाइस से कंप्यूटर के डाटा को इनपुट डाटा के रूप में लेता है उसके बाद जो डाटा यूजर डालता है उसे ये अपने प्रोग्राम के द्वारा प्रोसेस करता है. इसके बाद डाटा को आउटपुट के रूप में यूजर को दिखा देता है. ये दो तरह के डाटा को स्वीकार कर के प्रोसेस करता है, एक तो होता है Arithmetical और दूसरा Logical.
ये एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो बहुत सारे काम काफी तेज़ी से और आसानी से कर सकने माहिर है. लेकिन अभी भी दुनिया में बहुत सारे लोग हैं जो इसके बारे में बहुत सारी महत्वपूर्ण बातें नहीं जानते. इसीलिए आज की पोस्ट में मैंने कोशिश की है की आपको इससे जुडी हर छोटी से छोटी जानकारी आसानी से समझा सकूँ.
कंप्यूटर का हिंदी नाम क्या है?
वैसे देखा जाए तो सच में बहुत सारे लोग जिनको यह नहीं मालूम होता है कि कंप्यूटर का हिंदी नाम क्या है. इसे हिंदी में संगणक कहा जाता है. जिसका अर्थ होता है ऐसा यंत्र जो गणना करता है.
कंप्यूटर के स्क्रीन को क्या कहते हैं?
हम जब इस यंत्र में काम करते हैं तो इसके लिए मॉनिटर का इस्तेमाल करते हैं जो की इसका एक आउटपुट डिवाइस हैं. तो आप खुद ही ये समझ सकते हैं की स्क्रीन को मॉनिटर कहते हैं.
कंप्यूटर कैसे काम करता है?
दोस्तों डेस्कटॉप और लैपटॉप में तो हर कोई काम करता है. लेकिन सबको ये मालूम नहीं होता की आखिर यह काम कैसे करता है. तो अगर आप जानना चाहते हैं तो आगे बढ़ते जाये. आपको आपके हर सवाल का जवाब मिलता जायेगा.
Input:– सबसे पहले इनपुट डिवाइस से यूजर डाटा को इसमें डालता है उसे input कहते हैं. ये set of data या information होता है. जो की कई प्रकार के होते हैं जैसे letters, numbers, words, audio, video इत्यादि.
Processing:– ये एक internal process होता है. Input किये हुए डाटा को program में दिए instruction के आधार पर process करता है.
Output:– Processed data को रिजल्ट के रूप में मॉनिटर पर देखते हैं उसे output बोलते हैं. जब डाटा process हो जाता है तो वो monitor स्क्रीन, प्रिंटर, audio device के जरिये हमे मिल जाता है.
कंप्यूटर के भाग?
ये एक इलेक्ट्रॉनिक यंत्र है जिसके कई पार्ट्स होते हैं. आपने अक्सर देखा होगा की उसमे काम करने के लिए अलग अलग पार्ट्स होते है. कुछ parts necessary हैं जिनके बिना सिस्टम work नहीं कर सकता है.कुछ कंप्यूटर के पार्ट्स वैसे पार्ट्स होते हैं जो हम अपने extra work को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करते हैं.
इसमें हर काम के लिए डिवाइस का इस्तेमाल होना भी जरुरी होता है. तो चलिए जानते हैं की हमारे इस में कौन कौन से पार्ट्स होते हैं जिनके बिना ये काम नहीं कर सकता. इस के बहुत सारे ऐसे पार्ट्स हैं जो जरुरी होते हैं. इन पार्ट्स के बारे में डिटेल जानकारी निचे दी गई हैं.
Input Device
अपने कंप्यूटर के अंदर डाटा को enter करने के लिए हम जिस device का use करते हैं उन्हें इनपुट डिवाइस बोलते हैं. ये डाटा और instruction हम इनपुट डिवाइस का इस्तेमाल कर के अलग अलग form में enter करते हैं.
इनपुट यंत्र इंसान और सिस्टम के बीच डायरेक्ट कम्यूनिकेट करने का माध्यम होता है. इनपुट डिवाइस ऐसे डिवाइस हैं जो निर्देश और डाटा को इनपुट करने के बाद सीधे CPU तक पहुंचते हैं. इन device से गए हुए instruction सिस्टम के दिमाग को बताते हैं की use करना क्या है?
इनपुट डिवाइस अलग अलग प्रकार के हैं जिससे डाटा और instruction को इनपुट कर सकते हैं. यहाँ मैं आपको अलग अलग इनपुट डिवाइस के बारे में बता रहा हूँ. Keyboard, Light pen, Digital Camera, Mouse, Scanner.
Motherboard
Motherboard सिस्टम का main circuit board होता है. इसमें सभी हिस्सों को connect किया जाता है. CPU, Mouse, keyboard, प्रिंटर, मॉनिटर और भी devices cables से directly motherboard से कनेक्टेड होती है.
Motherboard सिस्टम के अंदर एक hardware होता है. इसे हम सिस्टम का backbone भी बोलते हैं. डेस्कटॉप और लैपटॉप के अलावा भी बहुत सारी devices हैं जिसमे motherboard इस्तेमाल किया जाता है. Mobile और tablet जैसे devices में भी motherboard होता है. अलग अलग सिस्टम के motherboard की shape और size डिवाइस के अनुसार होती है. कुछ पार्ट्स तो सीधे motherboard में ही connected होते हैं.
CPU (Central Processing Unit)
इसे सिस्टम का दिमाग बोला जाये तो बिलकुल गलत बात नहीं है. जिस तरह इंसान अपने दिमाग से सोचता है और decision लेता है उसी तरह सिस्टम में भी CPU इंसान के दिमाग की तरह काम करता है.
इसको बहुत सारे नामो से भी जाना जाता है, जैसे e-brain processor, central processor, और micro processor. ये सिस्टम cabinet के अंदर Motherboard में होता है. वर्ल्ड का पहला processor Intel कंपनी ने 1970 में बनाया था. CPU किसी सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर से आने वाले instruction को follow करता है और कंट्रोल करता है. CPU के मुख्यता 2 पार्ट्स होते हैं.
- Arithmetic and Logical Unit
- Control Unit
Arithmetic और logical unit दोनों तरह के डाटा (numerical or logical data) को कैलकुलेट करता है और निर्णय लेता है. ये addition, subtraction, multiplication, division के साथ ही logical data (< = > and , or) को प्रोसेस कर लेता है. Control unit system के सारे कामों को कंट्रोल करता है. इस के सारे पार्ट्स को जैसे input, output, processor के काम को नियंत्रित करता है.
Output Device
सिस्टम में डाटा प्रोसेस हो जाने के बाद रिजल्ट को output करने कर के दिखने के लिए जिन devices को सिस्टम प्रयोग करता है उसे आउटपुट डिवाइस बोला जाता है. आउटपुट डिवाइस sound, video, shape, photo इत्यादि के रूप में यूजर को डाटा प्रदान करता है.
आउटपुट डिवाइस में हम सभी मॉनिटर, प्रिंटर, earphone, स्पीकर को जानते हैं. ये सभी device information में हमे output कर के दिखती है. यहाँ मैं आपको कुछ जरुरी आउटपुट डिवाइस बता रहा हूँ. Monitor, Speaker, Printer, Projector, etc.
Hard Disk Drive
Hard disk एक सिस्टम के storage के रूप में कार्य करता है. यानि की जितने भी डाटा होते हैं जैसे videos, MP3, documents सभी तरह के फाइल्स को जहाँ सेव करते हैं उसे ही hard drive बोलते हैं. ये permanent storage device होता है. जिसमे जब तक चाहे तब तक डाटा स्टोर कर के रख सकते हैं.
RAM (Random Access Memory)
RAM को Main Memory या primary memory या volatile memory भी बोलै जाता है. इसे volatile memory इसीलिए बोलते हैं क्यों की डाटा को temporarily स्टोर करता है. इसका फुल फॉर्म Random Access memory होता है.
RAM सिस्टम की स्पीड को increase करता है. इसीलिए जितनी हाई कैपेसिटी RAM होगा सिस्टम उतना स्पीड काम करेगा. जब भी कोई यूजर सिस्टम में काम करता है तो काम करते वक़्त जितना भी यूजर काम करता है उसे स्टोर कर के रखता है. लेकिन अगर किसी वजह से डाटा सेव नहीं किया और पावर चली गई तो सारा डाटा भी lost हो जायेगा.
RAM यानि temporary memory सिर्फ काम करते वक़्त डाटा को सेव करती है. इसे permanently स्टोर करने के लिए उसे hard drive में ही स्टोर करना जरुरी है
Power Supply
SMPS (Switched Mode Power Supply) एक इलेक्ट्रिकल डिवाइस है जो सिस्टम के सभी पार्ट्स को पावर supply करता है.
कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया – Father of Computer in Hindi
इसका आविष्कार दुनिया के सबसे बड़े आविष्कारों में से एक है. क्यों की इसने पूरी दुनिया को बदल दिया. सारे काम अब इसी से किये जाते है यहाँ तक की आने वाले कल का मौसम कैसा रहेगा? ये भी इसके इस्तेमाल से पता लग जाता है. इसने इंसानो के काम को बहुत आसान बना दिया है.
क्या आप जानते है की इस का आविष्कार किसने किया और इसके जनक कौन हैं. अगर नही मालूम तो जान लीजिये की इस का आविष्कार जिस इंसान ने किया था उनका नाम Charles Babbage है. Charles Babbage इस के पिता कहे जाते हैं जिन्होंने 1822 में “Differential engine” नाम से mechanical कंप्यूटर बनाया था.
वैसे तो इस को develop या विकसित करने में बहुत सारे लोगों ने वक़्त के साथ योगदान दिया है. 1837 में उन्होंने Analytical engine के रूप में पहला modern सिस्टम दुनिया के सामने लाया. Analytical engine में ALU (Arithmetic and Logic Unit), basic flow control और integrated memory का प्रयोग किया था.
आजकल के सिस्टम भी इसी मॉडल के आधार पर बनाये जाते हैं. यही वजह है की उन्हें modern age सिस्टम का जनक कहा जाता है.
कंप्यूटर के प्रकार – Types of Computer in Hindi
Broadly इस के काम करने के आधार पर 3 केटेगरी में बांटा गया है. जिनमें से हर एक का अपने अलग अलग प्रकार होते हैं.
Analog – वैसा सिस्टम जो जानकारी को दिखाने के लिए analog signal का इस्तेमाल करते हैं उसे Analog कंप्यूटर कहते हैं. इस में जो जानकारी होती है वो continuous form में होती है जिसे curves के रूप में दिखाते हैं.
इस का इस्तेमाल continuous physical quantity को मापने में किया जाता है जैसे तापमान, बिजली का प्रवाह, ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन.
Digital – वैसे सिस्टम जिसमे अलग जानकारी को दिखाने के लिए binary digits का इस्तेमाल हैं उसे डिजिटल कंप्यूटर कहते हैं. इस में जानकारी discrete form में होती है. ये जानकारी को text, picture और graphics के रूप में हसौ करती है.
Hybrid– वैसे सिस्टम जो जानकारी को दिखाने के लिए analog signal के साथ साथ binary digits को भी समझने के योग्य होते हैं उसे हम Hybrid कंप्यूटर के तोर पर जानते हैं.
इस में operating mode के अनुसार जानकारी शो करती है. इस में जानकारी को continuous form में और साथ ही discrete form में होती है क्यूंकि इसमें ये डिजिटल प्रोसेसिंग के साथ ही एनालॉग प्रोसेसिंग भी करती है.
आकार के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार
सुपर कंप्यूटर
इस तरह के सिस्टम सबसे तेज़ और शक्तिशाली होते हैं. ये बहुत ही महंगे होते हैं और इनका उपयोग सिर्फ ख़ास कामों के लिए किये जाते हैं.
जैसे मौसम की भविष्यवाणी, इस के लिए बहुत ही जटिल गणना किया जाता है, यही वजह है की इस का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा इसका इस्तेमाल एनीमेशन, ग्राफ़िक डिजाइनिंग, nuclear energy research, और fluid dynamics के कैलकुलेशन करने में किया जाता है.
मेनफ़्रेम कंप्यूटर
ये एक बहुत ही महंगा और बड़े आकर का system होता है जो एक साथ हज़ारों यूजर को एक साथ handle करने में capable होता है. अगर इस में hierarchy की बात करें तो सबसे नीचे एक microprocessor होता है जो की सुपर कंप्यूटर तक पहुँचता है जो की ऊपर में होता है. मेनफ़्रेम सुपर वाले से नीचे स्तर के होते हैं.
अगर कुछ मौको की बात करे तो ये सुपर सिस्टम से कई गुना शक्तिशाली होते हैं क्यूंकि ये एक साथ कई प्रोग्राम को run करा सकते हैं जिसमे हज़ारों यूजर एक साथ काम कर सकते हैं. लेकिन सुपर कंप्यूटर में एक बार में एक प्रोग्राम जो run करता है वो मेनफ़्रेम से बहुत तेज़ काम करता है.
मिनी कंप्यूटर
आकर और शक्ति के अनुसार ये medium level में आते हैं. मिनी कंप्यूटर, मेनफ़्रेम और वर्क स्टेशन के बीच में आते हैं. साधारण तोर पर अगर बात करें तो ये ऐसे सिस्टम होते हैं जिस में 4-200 यूजर एक साथ काम कर सकते हैं.
माइक्रो या पर्सनल कंप्यूटर
यह इस प्रकार का यंत्र होता है जो सिर्फ एक इंसान के इस्तेमाल के लिए बनाया हुआ होता है. इसे आज पर्सनल कंप्यूटर के नाम से भी जाना जाता है जो सिंगल चिप माइक्रो प्रोसेसर क्या आधार पर बना होता है. इसमें मुख्यता लैपटॉप और डेस्कटॉप आते हैं:
डेस्कटॉप/Palmtop/डिजिटल डायरी/ PDA
ऐसे सिस्टम जो हमारे हाथ में आ जाते हैं इतने छोटे होते हैं. इस में कीबोर्ड नहीं होता है. इस में स्क्रीन ही इनपुट और आउटपुट डिवाइस के रूप में काम करता है.
एक पर्सनल या माइक्रो-मिनी सिस्टम एक डेस्क में आसानी से फिट हो जाते हैं.
लैपटॉप
ये ऐसे सिस्टम होते हैं जो पोर्टेबल होते हैं इस में एक इंटीग्रेटेड स्क्रीन और कीबोर्ड होता है. ये साधारण तौर पर डेस्कटॉप से आकर में छोटे होते हैं और नोटबुक से बड़े होते हैं.
वर्क स्टेशन
एक टर्मिनल या डेस्कटॉप एक नेटवर्क के रूप में काम करता है. यहाँ हम इसे एक सामान्य शब्द के रूप में लेते हैं जिसका है मतलब होता है user’s machine (client machine) जिसे सर्वर या मेनफ़्रेम कहते हैं.
कंप्यूटर का इतिहास – History of Computer in Hindi
इसका अविष्कार 2000 साल पहले किया गया था. “Abacus” दुनिया का पहला कंप्यूटर है . Abacus लकड़ी का बना हुआ एक रैक होता है . जिससे गणित के कैलकुलेशन किये जाते हैं.
इसके development को generation के रूप में बांटा गया जो एक एक करके बताते हैं की हम और आप तक ये आधुनिक रूप किस तरह से बन कर आया है. साधारण तौर पर इसके इतिहास को 5 जेनेरशन में वर्गीकृत किया गया है.
कंप्यूटर की जेनेरशन – Generation of Computer in Hindi
चलिए एक एक कर के इस के इतिहास को इसके जनरेशन के अनुसार जानेंगे.
पहली पीढ़ी – First Generation Vaccum Tubes (1940-1956)
पहले generation के इसमें vaccum tubes को circuitry और magnetic drum के रूप में मेमोरी के लिए इस्तेमाल करते थे. इनका आकर इतना बड़ा होता था की पूरा रूम कैप्चर करते थे. इन को प्रयोग करना काफी महंगा हुआ करता था की क्यों की इनको चलने के लिए बहुत ज्यादा बिजली खर्च होती थी. इसके अलावा ये बहुत heat भी generate करते थे जिससे की malfunction की भी प्रॉब्लम होती थी.
इसमें punch cards और paper tape का इस्तेमाल करते थे इनपुट डिवाइस के लिए और output के लिए print outs का इस्तेमाल करते थे. ये मशीन language का इस्तेमाल करते थे. First generation के कुछ उदाहरण ये हैं UNIVAC और ENIAC.
दूसरी पीढ़ी – Second Generation Transistor (1956-1963)
Second generation computers में vaccum tubes की जगह transistor का इतेमाल होने लगा. Transistors का अविष्कार Bell labs ने 1947 में किया था. ये transistors vaccum tube की तुलना में कई गुना बेहतर थे क्यों की ये बहुत fast होने के साथ ही काम electricity भी इस्तेमाल करते थे जिससे इसको चलना काफी सस्ता हो गया.
Second-generation computer machine language की जगह Assembly language का इस्तेमाल करते थे. इस में COBOL और FORTRAN high-level language के रूप में इस्तेमाल किया गया.
तीसरी पीढ़ी – Third Generation Integrated circuits (1964-1971)
इस generation में Integrated circuits ने transistors की जगह ले ली. अब transistor काफी छोटे हो गए थे जिसे silicon chips के अंदर डाला गया और उसे semiconductor बोला जाता है.
इसने स्पीड और efficiency काफी ज्यादा बढ़ा दी. Punch card और printout की जगह अब keyboard और Monitor का इस्तेमाल होना शुरू हो गया, जिस के लिए operating system का प्रयोग किया गया.
चौथी पीढ़ी – Fourth generation Microprocessor (1971-Present)
Fourth generation के रूप में microprocessor का इस्तेमाल किया गया. इसमें हज़ारो integrated circuits को एक silicon chip के अंदर ही built किया गया. अब ये सिस्टम इतना develop हो चूका था जो पुरे रूम को कैप्चर किया करता था अब वो हथेली भर के साइज का हो चूका है.
Intel 4004 chip को1971 में develop किया गया जिसके अंदर सारे components को fix कर दिया गया. 1981 में IBM ने घर पर प्रयोग होने वाला पहला सिस्टम भी तैयार कर लिया.
पांचवी पीढ़ी – Fifth Generation Artificial Intelligence (Present and beyond)
Fifth generation सिस्टम artificial intelligence पर आधारित है, जो की अभी भी डेवेलोप किया जा रहा है. इसका एक रूप हम इस्तेमाल कर रहे हैं वो है voice recognition. Quantum calculation parallel processing artificial intelligence के ही उदाहरण हैं. Artificial intelligence होने से ये खुद ही निर्णय लेने के लिए सक्षम होते हैं.
कंप्यूटर का महत्व क्या है – Importance of Computer in Hindi
- शिक्षा के क्षेत्र में उपयोग
- वैज्ञानिक अनुसन्धान
- मौसम और प्राकृतिक विपदा की जानकारी और भविष्यवाणी
- मनोरंजन में प्रयोग
- घर और कार्यालय के कार्यों में विशेष योगदान
- आटोमेटिक मशीन का सञ्चालन
कंप्यूटर की विशेषता
इस यंत्र ने मनुष्य के जीवन में अनेक बदलाव लाये हैं. इसने इंसानों के जीवन को बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. जिस तरह हर सिक्के के 2 पहलु होते हैं ठीक उसी तरह ही इस के इस्तेमाल के भी दो पहलु हैं.
हर चीज़ की खासियत होती है लेकिन उसमे कुछ खामियां भी होती हैं. हम यहाँ आगे इसी पर चर्चा करेंगे की आखिर हमे इस के फायदे और नुकसान क्या क्या हैं. तो सबसे पहले जान लेते हैं इसके फायदे यानि लाभ के बारे में.
सस्ता यन्त्र होना
- एक ज़माना हुआ करता था जब एक सिस्टम खरीदना सबके बस की बात नहीं थी क्यूंकि इसकी कीमत काफी ज्यादा हुआ करती थी.
- साथ ही लोग इसके उपयोग भी नहीं जानते थे लेकिन आज का समय ऐसा आ चूका है जब शक्तिशाली सिस्टम के लिए अधिक पैसे खर्च नहीं करने पड़ते.
- काम करने लायक अच्छे और फ़ास्ट डेस्कटॉप/लैपटॉप अब काफी दाम में मिल जाते जाते है.
- यही यही वजह है की आज घर घर में डेस्कटॉप/लैपटॉप देखने को मिल जाता है.
- ऑनलाइन खरीददारी, इंटरनेट बैंकिंग, मनोरंजन का सबसे बड़ा श्रोतइस के फायदों में सबसे बड़ा फायदा ये है की इंटरनेट कनेक्ट कर के हम इस के जरिये इंटरनेट बैंकिंग का प्रयोग कर सकते हैं.
- घर बैठे हम बैंक से जुड़े काम डेस्कटॉप या लैपटॉप की ही मदद से पूरा कर सकते हैं.
- इसके अलावा इसका प्रयोग कर के हम किसी भी सामान की ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं और घर बैठे ही उस सामान को अपने घर पर मंगवा सकते हैं.
- डेस्कटॉप/लैपटॉप का एक सबसे बड़ा उपयोग मनोरंजन का क्षेत्र है. हम इस में फ़िल्में देख सकते हैं गाने सुन सकते हैं, गेम खेल सकते हैं.
समय की बचत
- जब से डेस्कटॉप/लैपटॉप का इस्तेमाल काम के लिए होना शुरू हुआ तब से इसने मनुष्य का 80% वक़्त बचा दिया अब भले वो क्षेत्र सरकारी ऑफिस हो, मैन्युफैक्चरिंग कंपनी हो, बैंक हो या फिर कोई छोटी दुकान हो.
- हर जगह इसके उपयोग से काफी अधिक समय की बचत होती है.
- अगर हम बात करें किसी बैंक की पैसे जमा करने के लिए एक लम्बी कतार होती थी क्यूंकि बैंक के clerk अपना काम खुद ही अपने से करते थे.
- इसके फाइल और रजिस्टर में सारा हिसाब किताब करते थे इसमें काफी वक़्त निकल जाता था.
- लेकिन इस मशीन के आने से इसने घंटों का काम मिनटों में निपटना शुरू कर दिया और बैंक से भीड़ को बहुत कम कर दिया है.
संचार का माध्यम
- इंटरनेट कनेक्शन और सिस्टम मिलकर एक बहुत ही modern संचार सिस्टम बनाते हैं.
- आज इंटरनेट में फेसबुक, गूगल प्लस, इंस्टाग्राम, ट्विटर है जिससे हम घर रह रहे रिश्तेदारों से चैटिंग और कॉल के द्वारा जुड़ने का साधन देता है.
- इसके अलावा हम इसकी मदद से उन्हें देखते हुए भी वीडियो चाट की मदद से बातें भी कर सकते हैं.
स्टोरेज क्षमता का अधिक होना
- काम किये जाने वाले फाइल और डाक्यूमेंट्स बड़े साइज के होते हैं लेकिन यही काम जब हम desktop/Laptop में करते हैं तो उसके फाइल और डाक्यूमेंट्स को रखने की हमे कोई टेंशन नहीं होती.
- क्यों की जो हम रियल लाइफ में एक कमरे में जितने डाक्यूमेंट्स नहीं रख सकते उससे कई गुना अधिक फाइल और डाक्यूमेंट्स कंप्यूटर में स्टोर कर के रख सकते हैं.
- आज ये सिर्फ संचार, मनोरंजन का ही साधन नहीं रहा बल्कि आज ये ऑनलाइन घर बैठे पैसे कमाने का भी श्रोत बन चूका है.
घर बैठे पैसे कमाने का जरिया
- इसकी वजह ये है की स्टोरेज काफी अधिक होती है और अच्छी बात ये है की हम लाखों डाक्यूमेंट्स के बिच से एक डाक्यूमेंट को सिर्फ सेकण्ड्स में ढूंढ के निकाल सकते हैं.
- जबकि रियल लाइफ में हमे इस काम में घंटों लग सकते हैं या फिर कई दिन भी लग सकते हैं.
- इस का क्षेत्र इतना बड़ा है की इस में पैसे कमाने के अनेक तरीके हैं. जैसे की फोटो एडिटिंग, यूट्यूब चैनल, ब्लॉग्गिंग, डिजाइनिंग, फ्रीलांस के रूप में भी पैसे कमा सकते हैं.
इस विषय में विस्तृत जानकारी के लिए कंप्यूटर की विशेषता क्या है अवश्य पढ़ें.
कंप्यूटर के हानि
चलिए जान लेते हैं की कंप्यूटर के फायदे और नुकसान क्या क्या है.
समय की बर्बादी
- इस आविष्कार ने मनुष्य के काम को तो बहुत आसान कर दिया है.
- साथ ही ये हमारे काम को कम समय में पूरा कर के वक़्त की बचत भी करता है लेकिन हर अच्छे चीज़ में भी कुछ बुराई होती हो सकती अगर इसका उपयोग सही से न किया जाये.
- आजकल युवा बचपन से ही डेस्कटॉप या फिर लैपटॉप का प्रयोग करते हैं और उन में दिनभर सिस्टम के सामने में बैठने की आदत पड़ जाती है.
- साथ ही कुछ युवा Photoshoot के लिए DSLR, और गेम खेलने में इतने मगन होते हैं की उन्हें पढाई लिखे से नाता नहीं रखते.
- इसके अलावा कुछ लोग सोशल मीडिया में रहकर दिनभर अपना वक़्त देते हैं और समय की बर्बादी करते है.
आँखों का नुक्सान
- हर रोज़ दिनभर सिस्टम के सामने बैठ कर लगातार आँखें उसकी मॉनिटर में टिका कर काम करना पड़ता है. मॉनिटर सामने बैठकर देखना पड़ता है काम करने के लिए .
- जिसकी वजह से आँखों में बहुत ही बुरा असर पड़ता है.
- अधिकतर लोग जो मॉनिटर के सामने हर रोज़ बैठ कर काम करते हैं उन्हें चश्मा जल्दी ही लग कुछ लोगों की आँखों में बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है.
बेरोज़गारी (कम मैनपावर की आवश्यकता)
- यंत्र अकेले कई लोगों का काम करती है. आजकल हर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी, सरकारी ऑफिस, स्कूल, कॉलेज और बैंक में डेस्कटॉप लगे होते हैं.
- जो काम 4 लोग किया करते थे उसे एक अकेला सिस्टम पूरा करता है और उसे चलाने के लिए सिर्फ एक ही आदमी की जरुरत पड़ती है.
- इस तरह हर जगह 4 में से 3 लोगों को बेरोज़गारी का सामना करना पड़ता है. जॉब अवसर कम हो गए क्यों की कम लोगों की जरुरत रह गई.
- इससे फायदा तो कुछ नहीं होता लेकिन लोग सोशल मीडिया की आदत इसके बिना नहीं रह सकते.
सोशल नेटवर्किंग साइट का अधिक प्रयोग
- आजकल सभी लोग चाहे मोबाइल हो या लैपटॉप हर जगह सोशल मीडिया से जुड़े रहते हैं. दिनभर उस पर बैठ कर टाइम निकलते रहते हैं.
- हमेशा खतरा बना होता है की अगर हार्ड ड्राइव में किसी वायरस का अटैक हुआ तो वो सारे डाटा को बर्बाद कर सकता है.
सुरक्षा पर खतरा
- सारा काम अब कंप्यूटर में किया जाता है. उसी में सारे डॉक्यूमेंट को स्टोर कर के रखा जाता है.
- कंप्यूटर का मनुष्य पर हावी होना
- बुरे लोग बस दूसरों को नुक्सान पहुँचाने में लगे रहते हैं और बड़ी बड़ी कंपनियों के डाटा को बर्बाद करने के लिए गलत तरीकों का सहारा लेते हैं.
- अगर किसी रोज़ ये यंत्र इतनी शक्तिशाली हो जाये की वो अपने फैसले खुद ही ले और कभी गलत या negative condition में चला जाये तो ये एक मनुष्य जाती के लिए खतरा भी साबित हो सकता है.
- आज artificial intelligence पर काफी तेज़ी से काम शुरू हो चूका है. ऐसे सिस्टम बनाये जा रहे हैं जो लोगों से बात कर सके, समझ सके और interact कर सके.
- वैसे अभी ये यंत्र इतना स्मार्ट नहीं हुआ है की खुद निर्णय ले सके तो फिलहाल कोई खतरा नहीं है.
कंप्यूटर के फायदे और नुकसान को विस्तार से जानने के लिए हमारे आर्टिकल कंप्यूटर के लाभ और हानि क्या है? जरूर पढ़ें.
कंप्यूटर के उपयोग – Uses of Computer in Hindi?
चलिए अब जान लेते हैं उसका उपयोग कहां किया जाता है.
शिक्षा (Education)
शिक्षा के क्षेत्र में कंप्यूटर का उपयोग हम खुद भी देख सकते हैं. स्कूल कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों की जानकारी डेटाबेस के रूप में स्टोर कर के रखी जाती है. छात्र से लेकर अध्यापक और प्रधानाध्यापक हर किसी के डाटा को कंप्यूटर के माध्यम से ही मैनेज किया जाता है.
बच्चों को इस यंत्र की मदद से पढ़ाया भी जाने लगा है यानि की कई विषय को वीडियो एनीमेशन के माध्यम से पढ़ाया जाता है.
सरकारी आफिस कार्य (Government Office work)
हर कार्यालय में कर्मचरियों को कंप्यूटर में काम करने की ट्रेनिंग दी जा रही है. जिससे की समय की बचत की जा सके और अधिक से अधिक काम को पूरा किया जा सके.
रक्षा संस्थान (Defense)
रक्षा के क्षेत्र में कंप्यूटर का उपयोग बहुत ही अद्भुत है क्यूंकि इसी की मदद से ही आज सुरक्षा के बहुत ही कारगर तकनीक को विकसित किया जा चूका है.
किसी भी रक्षा सम्बन्धी तकनीक को पहले इस यंत्र में ही डिज़ाइन किया जाता है फिर उसे एग्जिक्यूट किया जाता है. जब यह सफल होता है तब इसे धरातल पर उपयोप्ग करने के लिए डेप्लॉय कर दिया जाता है.
अस्पताल (Hospital)
अस्पतालों में कंप्यूटर के कई प्रकार के उपयोग हैं. टेस्ट करने के लिए विभिन्न मशीन का उपयोग होता है जो इसी यंत्र से संचालित किये जाते हैं.
खेल (Sports)
दुनिया भर में विभिन्न प्रकार के खेल खेले जाते हैं जिनका सीधा प्रसारण हम अपने मोबाइल और टीवी में देख पाते हैं. इसमें प्रसारण के दौरान खिलाडियों का डाटा और भी बहुत सारे फीचर्स इसी यंत्र की मदद से दिखाए जाते हैं.
बिज़नेस (Business)
व्यवसाय में भी इस यंत्र ने अपना कमाल दिखाया है. बड़े बड़े प्रोजेक्ट की प्लानिंग इसी के जरिये की जाती है. नए बिज़नेस को शुरू से आखिर तक प्लान करने के लिए विभिन्न प्रकार चार्ट, डायग्राम की जरुरत होती है जो इसी पर बनाये जाते हैं.
विज्ञान एवं अनुसंधान (Science & Research)
विज्ञान काफी तेज़ गति से आगे बढ़ रहा है. इसकी गति को बढ़ने में कंप्यूटर का बहुत ही अहम रोल है. बड़े बड़े रिसर्च में सबसे पहले प्रयोग कंप्यूटर के माध्यम से जांचे जाते है. हर अनुसन्धान का नियंत्रण इसी यंत्र के माध्यम से होता है.
मनोरंजन (Entertainment)
आज के ज़माने में मनोरंजन के लिए कंप्यूटर का उपयोग कार्य के बा सबसे अधिक किया जाता है. इसके माध्यम से हम विभिन्न प्रकार के गेम्स खेल पाते हैं. मनोरंजन के रूप में गाने सुनने और मूवीज देखने इसका उपयोग किया जाता है.
मौसम विभाग (Whether department)
कल का मौसम कैसा रहेगा, या आज का मौसम कैसा रहेगा इसकी जानकारी वैज्ञानिक सॅटॅलाइट के माध्यम से लेते हैं लेकिन सारा काम कंप्यूटर के माध्यम से किया जाता है. इससे मौसम का पूर्वानुमान करना काफी आसान हो चूका है.
अगर आप कंप्यूटर के विभिन्न उपयोग के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो हमारे लिखे हुए पोस्ट कंप्यूटर के उपयोग क्या हैं जरूर पढ़ें.
FAQ – कंप्यूटर से जुड़े पूछे जाने वाले सवाल
डिवाइस के माध्यम से प्राप्त करता है फिर उसे अपने प्रोसेसिंग यूनिट के द्वारा प्रोसेसिंग का काम शुरू करता है और उपयोगकर्ता को इनपुट किए गए डेटा के अनुसार आउटपुट प्रदान करता है.
वैज्ञानिक अनुसंधान और के लिए उपयोग किए जाने वाले विशेष कंप्यूटर को वर्क स्टेशन कंप्यूटर कहा जाता है यह मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं जिसमें एक साथ कई उधर काम कर सकते हैं.
कंप्यूटर एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो इनपुट यंत्र के द्वारा इनपुट किए गए डाटा को स्वीकार करता है और फिर उसे प्रोसेस करके आउटपुट यंत्र के द्वारा यूजर को रिजल्ट दिखा देता है.
19वीं शताब्दी में गणित के प्रोफेसर जिनका नाम चार्ल्स बैबेज था उन्होंने ही कंप्यूटर का आविष्कार किया था जिसके कारण में इस यंत्र का जनक या फिर इसका का पिता कहा जाता है.
प्रोसेसिंग स्पीड और आकार के आधार पर कंप्यूटर के चार प्रकार होते हैं. मिनी कंप्यूटर, माइक्रो कंप्यूटर, मेनफ्रेम कंप्यूटर, सुपर कंप्यूटर.
इसे बनाने वाले इंसान का नाम चार्ल्स बैबेज है और जिन्हें कंप्यूटर के जनक और पिता के रूप में भी जाना जाता है या यूं कहें कि कंप्यूटर की आविष्कार करने के कारण उन्हें ही कहा जाता है कि कंप्यूटर की खोज चार्ल्स बैबेज ने सन 1823 ईस्वी में की है.
कोलकाता में इंडियन स्टैटिसटिकल इंस्टिट्यूट में पहली बार 1952 में कंप्यूटर को स्थापित किया गया. इस प्रकार भारत में इस यंत्र का चलन शुरू हो गया.
कंप्यूटर परिवार एक ही डिजाइन और माइक्रोप्रोसेसरों के साथ कंप्यूटर की एक केटेगरी है जो एक दूसरे को सपोर्ट करती है. इसके अंतर्गत एक अच्छा उदाहरण आईबीएम या पीसी फॅमिली vs कंप्यूटर के ऐप्पल या मैक परिवार है.
कम्प्यूटर मैपिंग सामान्य शब्द है जिसका उपयोग एरियल तस्वीरों, उपग्रह चित्रों, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) रिकॉर्ड, पेपर मैप और दूसरे डेटा स्रोतों से डिजिटल मैप डेवेलोप करने की प्रक्रिया का वर्णन करने के लिए किया जाता है. कंप्यूटर मैपिंग प्रक्रिया के मूल में डेटा कैप्चर, conversion और verification है
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संक्षेप में
उम्मीद करता हूँ की कंप्यूटर किसे कहते है हिंदी में समझ गए होंगे और आपको ये पोस्ट पसंद आयी होगी. अगर फिर भी आपको कुछ और जानकारी चाहिए तो आप हमे कमेंट बॉक्स में सुझाव दे सकते हैं.
इससे हमे काम करने में और प्रोत्साहन और हौसला मिलेगा जिससे की हम और मेहनत से सरल शब्दों में आपके लिए जानकारी तैयार कर के ला सके.
कुल मिलाकर देखा जाए तो आज के ज़माने में कंप्यूटर का ज्ञान उतना ही जरुरी है जितना की हम शिक्षा को मानते हैं. आज लगभग हर जगह इसके बिना कोई काम नहीं होता है.
इसीलिए हमने आज इस विषय पर विस्तार से चर्चा की है और आपने ये जान लिया है की कंप्यूटर क्या है इसकी उपयोगिता एवं विशेषताएं? (What is computer in Hindi) और इसका सामान्य परिचय क्या है. इसके प्रकार क्या हैं (Types of Computer in Hindi) ये भी हमने बताया है.
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